वो कुछ ख़ास है।
जिंदगी एक मिली पर खुशियाँ लाख देता, दोस्त सब बने पर वो सच्ची यारी निभाता। सब कहते रह जाते हम सच्चे है, पर सच्चाई से वो हर रोज़ मुझे मिलाता। वो राहें उदास है कुछ बंजर जमीन-सी, शायद उन्हें भी आदत है, हमें साथ खिल-खिलाते देखने की। मेरी बातें अभी भी बहुत लम्बी रहती है, पर अब शब्दों से दोस्ती कहीं बह-सी गई है। अंजान-सा मेहमान जब लिया जन्म इस जहान, कभी सोचा न था उस जैसा होगा मेरा भगवान सभी रिश्ते-नाते खूब मानती हूँ, पर उसके लफ़्जो के आगे सब अधूरा-सा लगता है। दुनिया कुछ कहे कोई फ़र्क ही नहीं पड़ता, पर उसके शब्दों की गघराई में, मुझे हर पल गोता लगाने को मन करता। आदत है न, साथ लड़ने की, हँसने की शायद, तभी अब घड़ी का शोर बढ़ गया है। माँ-सा प्यार, पिता-सी हिम्मत देता है। वो मेरी छोटी सी दुनिया में सबसे पहले आता है। मुझे क्या जरूरत किसी अंजान की वो जान है इस बेजूबान की। आश मेरे टूटे सपनों की, प्यास मेरे कुछ गुमसुम से लम्हों की। वो सभी रिश्तों में सबसे अलग-सा अहसास है, एक धागे के डो...
Jai hind 🇮🇳
ReplyDelete🧡🤍💚
Delete🇮🇳🇮🇳🇮🇳 nice dud
DeleteThanks🧡🤍💚
Deleteकिसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया है
ReplyDeleteअपनी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया है
उसे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,
जोअपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया है
हम चैन से सो पाए इसलिए ही वो सो गया,
वो भारतीय फौजी ही था जो आज शहीद हो गया है
''जय हिन्द''
Nice lines
🧡🤍💚
DeleteJai Hind 🙏🇮🇳🇮🇳
ReplyDelete🧡🤍💚
DeleteThanks:)
ReplyDeleteInspiring poem
ReplyDeleteThank you🙏😌
Deleteजय हिन्द
ReplyDelete🌼🇮🇳
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